‘ पर्याय ‘ का अर्थ, पर्यायवाची, विलोम एवं व्युत्पत्ति | Paryaya |
शब्द | ‘पर्याय’ शब्द का सामान्य अर्थ | Meaning of Paryaya | |
पर्याय | 1.समानार्थक शब्द। समान अर्थ को प्रकट करने वाला शब्द। समान अर्थ का वाचक शब्द। समानार्थवाची शब्द। पर्यायवाची 2. परम्परा। क्रम। सिलसिला। अनुक्रम। 3. प्रकार। भेद। तरह। ढंग। 4. प्रणाली। व्यवस्था। 5. सदृश। समान। बराबर। 6. तरीका। प्रक्रिया की प्रणाली। रीति। 7. एक प्रकार का अलंकार(अर्थालंकार) जिसमें एक वस्तु अनेक आश्रय ग्रहण करता है। घुमाफिरा कर कहना। वक्रोक्ति या वाक्प्रपंच से कहने की रीति। 8. अवसर। मौका। 9. द्रव्य(वस्तु) का धर्म। द्रव्य(वस्तु) का अंश। 10. बारी। उत्तराधिकार। उचित या नियमित क्रम। 11. सृष्टि। निर्माण। तैयारी। रचना। |
शब्द-भाषा | संस्कृत |
शब्द-भेद | संज्ञा |
लिंग | पुलिंग |
व्युत्पत्ति(निर्वचन) | Derivation of Paryaya in hindi |
‘पर्याय’ शब्द की व्युत्पत्ति परि उपसर्ग पूर्वक इण् गतौ(परावनुपात्यय इणः, अष्टाध्यायी-3/3/38) धातु में घञ् प्रत्यय लगकर निष्पन्न होता है,
जिसका तात्पर्य होता है- परितः ईयते गम्यते शब्दार्थः अनेन इति पर्यायः अर्थात् जिसके द्वारा चारो ओर से शब्दार्थ का बोध होता है।
पर्यायवाची | Synonyms of Paryaya in hindi |
समानार्थी। समार्थी। पर्यायवाची। एकार्थवाची। एकार्थवाचक। एकार्थबोधक। एकार्थी। पर्यायवाचक।
विपरीतार्थक शब्द | विलोम | Antonyms of Paryaya in hindi |
विपर्याय। अपर्याय। विपरीतार्थ। विलोम।
The word ‘synonym’ means that it is similar or nearly identical to any other word or phrase in the same language. |
शब्दबोध – समान अर्थ का वाचक ‘पर्यायवाची’ कहलाता है. ‘पर्यायवाची’ अथवा ‘पर्यायवाचक’ शब्द शब्दों के अर्थ में समानता प्रकट करते हैं. इसीलिए व्याकरण की भाषा में सामान अर्थ रखने वाले समानार्थी शब्दों को ‘पर्यायवाची’ शब्द कहते हैं. जैसे –‘अटल’- का अडिग, अचल, ध्रुव, अविचल आदि| इस प्रकार व्याकरण के अनुसार पर्यायवाची अथवा समानार्थक शब्द दोनों एक ही भाव प्रकट करते हैं. शब्द व्युत्पत्ति के आधार पर भावों में भिन्नता हो जाती है. ‘समानार्थी‘ अथवा ‘पर्यायवाची’ शब्द जिसका अर्थ है कि यह समान भाषा में किसी अन्य शब्द या वाक्यांश के समान या लगभग समान है। व्याकरण शास्त्र के अन्दर एक ही शब्द के अनेक अर्थ अथवा भाव होते हैं| इस दृष्टि से ‘पर्याय’ शब्द को यदि देखा जाय तो हमें इसके अनेक अर्थों की प्राप्ति होगी . |
Keywords for ‘Paryaya’ | पर्याय |
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आधार ग्रन्थ श्रोत |
‘स्वर्वेद’ एक आध्यात्मिक सद्ग्रन्थ- रचयिता- सदगुरु सदाफलदेव जी महाराज ‘Swarveda’ a spiritual Sadgranth – written by Sadguru Sadafaldeo ji Maharaj, ‘संस्कृत हिन्दी कोश’- वामन शिवराम आप्ट ‘Sanskrit Hindi Kosh’ – Vaaman Shivram Aapte, हिन्दी शब्द सागर’ – नागिरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी ‘Hindi Shabd Sagar’ – Nagiri Pracharini Sabha, Varanasi,’प्रभात बृहत् हिन्दी शब्दकोश’ – डॉ. श्याम बहादुर वर्मा एवं डॉ. धर्मेन्द्र वर्मा ‘Prabhat Brihat Hindi Shabdkosh’ – Dr. Shyam Bahadur Verma and Dr. Dharmendra Verma.
अष्टाध्यायी’ – महर्षि पाणिनि ‘Ashtadhyayi’ – Maharshi Panini, अष्टाध्यायी भाष्य प्रथमावृत्ति – ब्रह्मदत्त जिज्ञासु Ashtadhyayi Bhashya Prathamavriti – Brahmadatta Jigyasu. उणादिकोष: – पाणिनि Unadikoshah – Panini, धातु-पाठ – पाणिनि Dhatu-paath – Panini, लिङ्गानुशासनम् – पाणिनि Linganushasanam – Panini, आधुनिक हिन्दी व्याकरण रचना – डॉ. वासुदेवनन्दन प्रसाद, Adhunik Hindi Vyakaran Rachana – Dr. Vasudevnandan Prasad, राजपाल हिन्दी शब्दकोश – डॉ. हरदेव बाहरी, Rajpal Hindi Shabdkosh – Dr. Hardev Bahari, हिन्दी पर्यायवाची कोश – डॉ. भोलानाथ तिवारी Hindi Paryayvachi Kosh – Dr. Bholanath Tiwari, हिन्दी भाषा – डॉ. हरदेव बाहरी Hindi Bhasha – Dr. Hardev Bahari, हिन्दी: शब्द-अर्थ-प्रयोग – डॉ. हरदेव बाहरी Hindi: Shabd-Arth-Prayoga – Dr. Hardev Bahari प्रयोजन मूलक हिन्दी – प्रो. राम किशोर शर्मा एवं डॉ. शिवमूर्ति शर्मा Prayojan Moolak Hindi – Prof. Ram Kishor Sharma and Dr. Shivmurti Sharma. |
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